मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही बीमार होना भी स्वाभाविक है, इसमें कुछ ऐसी बीमारियां होती है जो आगे चलकर हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं। ऐसे में इन बीमारियों से बचाव के उपाय ही हमें स्वस्थ रख सकते हैं। इसी में एक बीमारी है डेंगू।
डेंगू का यूं तो कोई पूर्णतः इलाज नहीं है इसीलिए प्रथम तौर पर इसके कारणों के रोकथाम को अपनाने की ही सलाह दी जाती है ताकि हम इस बीमारी से बचे रहें।
डेंगू क्या हैं?
डेंगू (dengue) एक प्रकार का वायरस है। इससे होने वाला बुखार ही डेंगू का बुखार कहलाता है। यह बीमारी एडीज नामक मच्छर के काटने से होती है। डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये विशेष प्रकार के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं।
एडीज के काटने के 3 से 5 दिन के बाद डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। एडीज मच्छर को पूरी तरह से खत्म कर पाना संभव नहीं है और यह मच्छर गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है। एडीज इजिप्टी मच्छर के अंडे इतने बारीक होते हैं कि इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता है।
एडीज मच्छर के काटने पर वायरस तेजी से मरीज के शरीर में अपना असर दिखाने है। जिसके कारण तेज बुखार और सिर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते है। डेंगू होने पर मरीज के ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होने लगती है जिसके कारण कई बार रोगी की जान का खतरा तक बन जाता है। डेंगू के शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार से मिलते जुलते होते हैं।
डेंगू के लक्षण क्या हैं?
डेंगू आमतौर पर बच्चों को होने वाली बीमारी है लेकिन बड़े भी इसका शिकार हो जाते हैं। वैसे तो डेंगू के लक्षण भी सामान्य बुखार जैसे ही होते हैं। एडीज मच्छर के काटने के 4 दिनों से लेकर 2 सप्ताह के बीच कभी भी डेंगू के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- 40°C / 104°F टेंपरेचर वाला तेज बुखार
- डेंगू के दौरान रोगी को 40 डिग्री सेल्सियस तापमान का तेज बुखार आता हैं।
- -तेज सिर दर्द
- डेंगू में व्यक्ति के सिर में तेज दर्द होता है।
- आंखों के पीछे दर्द
- रोगी को सिर दर्द के साथ आंखों के पीछे भी दर्द होता है।
- उल्टी, हड्डियों में दर्द
- डेंगू के दौरान जी मचलना या उल्टी लगना, ग्रंथियों में सूजन हो जाना, जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होना और त्वचा पर लाल चकत्ते होना भी
अन्य लक्षण
इसके अलावा गंभीर लक्षणों में मसूड़ों से खून आना, खून की उल्टी लगना, तेज-तेज सांस आना और शरीर टूटना/बेचैनी जैसे लक्षण भी डेंगू में देखे जाते हैं।
डेंगू बुखार को कैसे पहचाने
डेंगू की प्रथम चरण में पहचान मुश्किल है लेकिन कुछ लक्षणों के आधार पर हम इसे पहचान सकते हैं। डेंगू में बुखार का तापमान चढ़ जाता है और बुखार आने के वक्त ठंड लगने लगती है। इसके अलावा भूख लगनी कम हो जाती है और ब्लडप्रेशर भी गिरने लगता है और चक्कर आने शुरू हो जाते हैं।
इसके अलावा डेंगू से जब रोगी गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है तब लक्षण बढ़ जाते हैं। जिसमें पेट में तेज दर्द होना, लीवर और सीने में फ्लूइड का जमा होना, खून में प्लेटलेट्स का कम होना, रक्तस्राव आदि लक्षण भी नज़र आने लगते हैं।
डेंगू बुखार होने के कारण
- डेंगू दिन में काटने वाले 2 प्रकार के मच्छरों एडिज इजिप्टी और एडिज एल्बोपेक्टस के काटने से होता है।
- डेंगू वायरस 4 प्रकार का होता है। यह DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4 के नाम से जाना जाता है। इसमें DEN – 1 और DEN – 3 अधिक खतरनाक होता है। डेंगू बुखार ‘डेंगू’ वायरस के संक्रमण से होता है।
- डेंगू सभी प्रकार के मच्छरों से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ जाति के मच्छरों के काटने से होता है। जो मुख्यतः ‘फ्लाविविरिडे’ परिवार और ‘फ्लाविविरस’ जीन का हिस्सा होते है।
डेंगू बुखार से बचाव के उपाय
1. डेंगू से बचाव के लिए घर के आसपास पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। इसके अलावा लंबे समय तक किसी भी बर्तन में पानी भरकर नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे मच्छर पनपने का खतरा रहता है।
2. पीने का पानी को हमेशा ढंककर रखना और बदलते रहना चाहिए ताकि मच्छरों को बढ़ने का मौका नहीं मिले।
3. कूलर का पानी हर दिन बदलते रहना चाहिए, इसमें भी मच्छर पनपने का खतरा बढ़ जाता है।
4. खिड़की और दरवाजों पर मच्छर से बचने के लिए जाली लगानी चाहिए ताकि बाहर के मच्छर अंदर नहीं आ सके।
5. हमेशा पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिए या फिर शरीर को जितना हो सके ढंक कर रखना चाहिए ताकि मच्छर नहीं काट सके।
डेंगू का इलाज क्या है?
डेंगू का इलाज चिकित्सकीय परामर्श से जरूर संभव है। लेकिन इसके लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसीलिए डेंगू से रोकथाम की सलाह दी जाती है।
- डेंगू होने पर अधिकाधिक आराम करें।
- चिकित्सकीय सलाह लेकर इलाज करवाएं
- शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
- तरल पदार्थों का सेवन करते रहें।
- साफ, स्वच्छ एवं मच्छरों से बचाव कर सोए।
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