क्या आपने कभी हर्निया रोग के बारे में सुना है? अधिकतर लोग इस बीमारी के बारे में नहीं जानते हैं। ऐसे में कई बार बीमार के लक्षण होने पर भी हम पता नहीं लगा पाते हैं कि हम हर्निया से पीड़ित है। हर्निया गंभीर रोग माना जाता है लेकिन इसका उपचार संभव है। यह स्त्रियों और पुरुषों में होने वाला एक आम रोग है, जिसके लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं।
इस आर्टिकल में हम हर्निया रोग क्या है? हर्निया रोग के लक्षण और कारणों के बारे में जानेंगे।
हर्निया क्या होता है?
शरीर के किसी अंदरूनी अंग या ऊतक (टिशू) का, किसी असामान्य जगह से बाहर उभरना हर्निया कहलाता है। ऐसा आम तौर पर किसी कमज़ोर जगह पर होता है। हर्निया बहुत तीव्र दर्द पैदा करता है, जिससे कई बार खड़े होने में भी कठिनाई होती है। हर्निया का इलाज न करवाने से ये बहुत हानिकारक रूप ले सकता है।
हर्निया क्यों होता है? हर्निया के कारण क्या है?
हर्निया तब होता है जब मांसपेशी या संयोजी ऊतक में कमज़ोरी या छेद होने की वजह से कोई अंग या ऊतक बाहर निकल आता है। हर्निया के कारण निम्नलिखित हैं।
1. मांसपेशियों या ऊतकों में कमज़ोरी या छेद होना
2. पेट में दबाव
3. मोटापा एवं खराब आहार
4. धूम्रपान
5. उम्र का बढ़ना
6. पुरानी खांसी
7. भारी सामान उठाना
8. आनुवंशिक कारण
9. प्रेगनेंसी एवं पेट की सर्जरी
10. कब्ज़, पेट की आंतरिक चोट आदि।
हर्निया कितने प्रकार का होता है?
हर्निया शरीर के किसी भी भाग में उत्पन हो सकता है, जिसके कारण इसके प्रकार भी अलग अलग हो सकते हैं। लेकिन यह मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते हैं।
1. हाइटल हर्निया
हाइटल हर्निया तब होता है जब आपके पेट का ऊपरी हिस्सा आपके डायाफ्राम में छेद के माध्यम से बाहर निकलता है। यह एक बहुत ही आम स्थिति है। यह हमेशा लक्षण पैदा नहीं करता है, लेकिन जब ऐसा होता है, तो वे आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स से संबंधित होते हैं।
2. इनगुइनल हर्निया
इनगुइनल हर्निया, जिसे वंक्षण हर्निया भी कहते हैं, हर्निया का एक आम प्रकार है। यह तब होता है, जब पेट की मांसपेशियों में कमज़ोरी के कारण आंत या पेट का कोई और अंग पेट की दीवार से बाहर निकल आता है। यह कमर के क्षेत्र में होता है।
3. अम्बिलिकल हर्निया
अम्बिलिकल हर्निया ज्यादातर छोटे बच्चों या नवजात शिशुओं में पाया जाता है। यह नाभि पर होता है और यह खतरनाक नहीं माना जाता लेकिन अगर इसका समय पर इलाज न हो तो यह गंभीर हो सकता है। अम्बिलिकल हर्निया का कोई विशेष लक्षण नहीं होता है।
4. इंसिजनल हर्निया
इंसिजनल हर्निया अधिकतर उन लोगों में होता है जिनकी पहले पेट की सर्जरी हो चुकी हो। यह सर्जरी के दौरान चीरा लगने वाली जगह पर हो सकता है।
5. फेमोरल हर्निया
फेमोरल हर्निया ज्यादातर जांघ के पास होता है, जिस कारण पीड़ित की कमर में सूजन और चलने में मुश्किल होती है। इसके मामले स्त्रियों में ज्यादा देखने को मिलते हैं। जल्द उपचार न होने से यह गंभीर भी हो सकता है।
हर्निया के लक्षण क्या है?
जैसा कि हम जान चुके हैं कि हर्निया कई प्रकार का होता है, इसके आधार पर इसके लक्षण भी अलग अलग होते हैं। पुरुषों और महिलाओं में भी इसके अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं। यहां हम हर्निया के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में जानेंगे।
- कमर या पेट में उभार या नरम गांठ दिखाई देना
- कमर में सूजन या गांठ, बढ़े हुए अंडकोश आदि।
- शरीर के किसी स्थान पर लगातार दर्द।
- पेट खराब महसूस होना और उल्टी आना।
- घाव या त्वचा को छूने पर उभार का नरम लगना।
- उभार के आस-पास की त्वचा का लाल होना
- पेट में अचानक तेज दर्द होने लगना
- जी मिचलाना एवं उल्टी होना
- पेट में लाल और जामुनी रंग का उभार।
- पेट में सूजन होना।
पुरुषों में हर्निया के लक्षण
- शरीर पर उभार जैसा दिखाई देना और महसूस करना।
- प्रभावित क्षेत्र में लगातार दर्द होना।
- दबाव महसूस करना।
- अंडकोष के चारों ओर खिंचाव महसूस होना।
- भारी सामन उठाना, धक्का देना और तनाव जैसा महसूस करना आदि।
महिलाओं में हर्निया के लक्षण
1. दर्द का मामूली से गंभीर होना।
2. हर्निया के पास जलन।
3. लगातार तेज दर्द होना।
4. मतली और उल्टी होना।
5. सूजन के आसपास कोमलता।
6. बुखार बने रहना।
7. दिल की धड़कन बढ़ना
8. उभार के चारों ओर लाली होना आदि।
हर्निया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। हर्निया का उपचार संभव है, लापरवाही बरतने पर यह गंभीर रूप ले सकता है।