नींद न आना एवं बेचैनी एक आम समस्या है जिससे दुनियां भर के लाखों लोग पीड़ित हैं। अनिद्रा मानसिक के साथ ही हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। अगर अनिद्रा का समय पर उपचार नहीं किया जाए तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अनिद्रा के कारणों एवं लक्षणों की पहचान कर चिकित्सकीय परामर्श लें।

आजकल की व्यस्ततम एवं भागदौड़ भरी जीवनशैली, तनावपूर्ण वातावरण, अकेलापन सहित कई कारणों से हमारी नींद प्रभावित होती है। नींद का सीधा संबंध हमारे मस्तिष्क से है। अगर हम पर्याप्त नींद नहीं लेंगे तो हमारे मस्तिष्क को आराम नहीं मिलेगा और हम अवसाद से ग्रसित हो जाएंगे। जिसका असर हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा और यह हमारे लिए काफी नुकसानदेह साबित होगा।

ऐसे में आज के आर्टिकल में हम अनिद्रा के कारणों, लक्षणों एवं इसके उपचार के बारे में जानेंगे।

नींद नहीं आने के क्या कारण हैं?

आमतौर पर नींद नहीं आना हमारे दैनिक जीवन की घटनाओं, तनाव एवं आदतों पर अधिक निर्भर करता है। इसके अलावा कुछ ऐसे मेडिकल कारण भी होते हैं, जिससे हमें अनिद्रा की समस्या होती है। अब हम नींद नहीं आने के कारणों को विस्तार से समझते हैं।

1. तनाव

नींद नहीं आने का एक प्रमुख कारण तनाव है। अक्सर हम ऑफिस के काम, घर की परेशानियों, आर्थिक एवं भावनात्मक कारणों से तनावग्रस्त हो जाते हैं। जिससे हमारी नींद प्रभावित होती है। हम तनाव के चलते देर रात तक अपनी समस्याओं के बारे में सोचते रहते हैं और नींद नहीं निकाल पाते। जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारी दिनचर्या पर भी पड़ता है।

2. सोने का समय फिक्स नहीं होना

समय पर नहीं सोना भी नींद नहीं आने का एक बड़ा कारण है, क्योंकि नींद आने का एक तय समय होता है, जब हमें सोना चाहिए, लेकिन हम उस समय नहीं सोकर अन्य कार्य जैसे मोबाइल चलाना, टीवी देखना आदि करने लग जाते हैं, इससे भी हमारी नींद प्रभावित होती है।

3. असुविधाजनक स्थान एवं वातावरण

नींद नहीं आने का एक कारण यह भी है कि हम जहाँ सो रहे वह स्थान कितना सुविधाजनक और वहां का वातावरण कैसा है। अगर आपका घर इंडस्ट्रियल एरिया, बस स्टेण्ड, रेलवे या हाइवे के आसपास है तो भी नींद नहीं आने की समस्या हो सकती है। इन सब के अलावा सोने के स्थान, मौसम के अनुकल सुविधा यानी गर्मी के दिनों में हवादार स्थान आदि का होना भी आवश्यक है।

4. शाम को अधिक मात्रा में भोजन

अगर शाम को अधिक मात्रा में भोजन किया है तो भी नींद नहीं आने की समस्या हो सकती है, क्योंकि अत्यधिक मात्रा में भोजन करने से असहजता महसूस होती है। जिससे नींद प्रभावित होती है।

5. मानसिक विकार

अगर आप किसी तरह के मानसिक विकार से पीड़ित है तो भी अनिद्रा की समस्या हो सकती है। अगर आप बहुत जल्दी जाग जाते हैं तो भी यह अनिद्रा का ही लक्षण है।

6. दवा, चाय, शराब या कैफीन का सेवन

अगर आप शाम को चाय, कॉफी, शराब या दवा का सेवन करते हैं तो भी अनिद्रा की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन पदार्थों के सेवन से असहजता, बेचैनी का अनुभव होता है जो नींद में खलल डालने का काम करते हैं।

रात को बेचैनी और घबराहट क्यों होती हैं?

रात को बेचैनी और घबराहट का एक प्रमुख कारण पौष्टिक एवं संतुलित आहार का ग्रहण नहीं करना है। अगर हमारा शाम का भोजन सात्विक एवं संतुलित नहीं होगा तो आपके पेट में गैस बनेगी और बेचैनी एवं घबराहट होगी। इसके अलावा तनाव, डिप्रेशन, अनचाहे विचार, किसी बात का भय, विटामिन्स की कमी से भी बेचैनी और घबराहट की समस्या रहती है।

बेचैनी के लक्षण क्या है?

घबराहट महसूस होना

बेचैनी का एक प्रमुख लक्षण घबराहट महसूस होना है। साथ ही तेज़ धड़कन, सीने पर दबाव, बीपी का कम या हाई हो जाना भी इसी के अंतर्गत आता है।

अस्थिरता

बेचैनी में व्यक्ति को अस्थिरता महसूस होती है। वह किसी जगह पर खड़े रहने या बैठने में अस्थिर महसूस करता है।

चिड़चिड़ापन

बेचैनी में व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। व्यक्ति छोटी-छोटी बात पर चिढ़ने लगता है और कई बार गुस्सा भी करता है।

ध्यान केंद्रित न हो पाना

बेचैनी में व्यक्ति ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो जाता है। बेचैनी में व्यक्ति के सोचने और निर्णय लेने की क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

बहुत अधिक सोचना

बेचैनी में व्यक्ति को एक ही समय में कई अनचाहे विचार आते हैं। व्यक्ति एक ही विचार को दोहराता है। आमतौर पर यह सभी विचार नकारात्मक होते हैं।

क्या नींद न आना और बेचैनी एक प्रकार के मानसिक रोग की निशानी हैं?

नींद नहीं आना और बेचैनी मानसिक रोग की निशानी हो सकता है लेकिन यह मनोचिकित्सक ही बेहतर बता पाएंगे कि यह लक्षण आपको किस कारण से हो रहा है। जब आप डॉक्टर को दिखाने जाएंगे तो वे काउंसलिंग कर यह पता लगाएंगे कि आपको नींद नहीं आने और बेचैनी का मूल कारण क्या है?

नींद नहीं आने की समस्या से छूटकारा कैसे पाए?

यह समस्या सामान्य तौर पर चिंता, अत्यधिक सोच-विचार एवं मानसिक रोग से जुड़ी है। ऐसे में इस समस्या का निदान मनोचिकित्सक के पास ही संभव है। हम अपने स्तर पर यह कर सकते हैं कि अनचारे विचारों को खुद पर हावी नहीं होने दें, देर रात तक नहीं जागे, खुश रहने का प्रयास करें, रात को समय पर सोने की आदत डाले मोबाइल का प्रयोग रात के समय सीमित करें आदि।

क्या नींद नहीं आना किसी खतरनाक बीमारी का संकेत हैं?

प्रारंभिक तौर पर ऐसा नहीं है कि अगर आपको नींद नहीं आती तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत है, क्योंकि इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो आप मानसिक रोग के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में अगर रात में नींद नहीं आए तो एक बार डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।

क्या अनिद्रा और बेचैनी के पीछे हम खुद ज़िम्मेदार है?

जी हॉं, सामान्य तौर पर हम ही जिम्मेदार होते हैं क्योंकि हम किसी बात या विचार को इतना गहराई से सोचते हैं कि उसकी वजह से हम तनाव में चले जाते हैं और रात को नींद नहीं आने की समस्या से परेशान होते हैं। अगर हम ऐसे अनचाहे विचारों, किसी बात के दोहराव, अत्यधिक चिंता से दूरी बनाएंगे तो नींद नहीं आने की समस्या से बच सकते हैं।

अनिद्रा और बेचैनी की समस्या होने पर डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर अनिद्रा और बेचैनी की समस्या कुछ दिनों से अधिक समय तक रहती है और उसके पीछे थकान, पेट में गैस बनने जैसे कारण नहीं हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यह एक ऐसी समस्या है जो सामान्य भी हो सकती है और इसके पीछे के गंभीर कारण भी हो सकते हैं। ऐसे में इस तरह की समस्या होने पर चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लेना चाहिए।

किस प्रकार के डॉक्टर इस समस्या का इलाज करते हैं?

नींद नहीं आना और बेचैनी का इलाज मनोचिकित्सक करते हैं। मनोचिकित्सक हमारे लक्षणों, गतिविधियों, समस्या की अवधि को ध्यान में रखते हुए इलाज शुरू करते हैं, जिससे हमें इस प्रकार की समस्या से छुटकारा मिलता है। हालांकि यह उपचार लम्बी अवधि का हो सकता है।

 

उपरोक्त आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध विविध सामग्रियों के आधार पर लिखा गया है जोकि जानकारी मात्र के लिए है। अगर आप इस प्रकार की किसी समस्या से परेशान है तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। अगर आप उदयपुर व आसपास निवास करते हैं तो डॉ. चौधरी हॉस्पीटल, सेक्टर 4, उदयपुर विजिट करें। अगर आप अन्यत्र से हैं तो अपने नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से परामर्श लें।